सावन पर हाइकू
सावन आया
ले बरखा बादल
बिन साजन।
हरियाली है
छा रही चारों ओर
नाचते मोर।
भीगी धरती
बोले मन की पीर
नहीं है धीर।
पहली बूंदें
अब सिक्त धरा है
हरा भरा है।
बिटिया रोई
है सुध बुध खोई
याद सताये।
सावन माह
जब बिटिया आये
अम्मा हर्षाये।
सावन आया
ले बरखा बादल
बिन साजन।
हरियाली है
छा रही चारों ओर
नाचते मोर।
भीगी धरती
बोले मन की पीर
नहीं है धीर।
पहली बूंदें
अब सिक्त धरा है
हरा भरा है।
बिटिया रोई
है सुध बुध खोई
याद सताये।
सावन माह
जब बिटिया आये
अम्मा हर्षाये।
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