Friday, October 4, 2019

सावन पर हाइकू


सावन आया
ले बरखा बादल
बिन साजन।

हरियाली है
छा रही चारों ओर
नाचते मोर।

भीगी धरती
बोले मन की पीर
नहीं है धीर।

पहली बूंदें
अब सिक्त धरा है
हरा भरा है।

बिटिया रोई
है सुध बुध खोई
याद सताये।

सावन माह
जब बिटिया आये
अम्मा हर्षाये।

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