अर्धांगिनी पर हाइकू
समर्पित हूँ
बिना किसी संकोच
मैं अर्धांगिनी।
घर मेरा है
परिवार मेरा है
पर अकेली।
बच्चे मेरे हैं
तुम सदा मेरे हो
बिना सहेली।
सबके साथ
भीड़ में मैं भटकी
खाली हथेली।
जीवन गाथा
बूझी ना जाये अब
कैसी पहेली।
समर्पित हूँ
बिना किसी संकोच
मैं अर्धांगिनी।
घर मेरा है
परिवार मेरा है
पर अकेली।
बच्चे मेरे हैं
तुम सदा मेरे हो
बिना सहेली।
सबके साथ
भीड़ में मैं भटकी
खाली हथेली।
जीवन गाथा
बूझी ना जाये अब
कैसी पहेली।
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