शिव पर हाइकू
हे अभ्यंकर
अब तारो जग को
शिव शंकर।
हे रुद्र रूप
अब आओ संभालो
सकल भूप।
फैला संताप
भू पे बहता पाप
हरो ये ताप।
आरति थाल
लिए मैं आई द्वार
करो स्वीकार।
हे अभ्यंकर
अब तारो जग को
शिव शंकर।
हे रुद्र रूप
अब आओ संभालो
सकल भूप।
फैला संताप
भू पे बहता पाप
हरो ये ताप।
आरति थाल
लिए मैं आई द्वार
करो स्वीकार।
No comments:
Post a Comment